अद्वैत विभाग


प्रो. बिष्णुपद महापात्रा
प्रो. बिष्णुपद महापात्रा
विभागाध्यक्ष
प्रोफेसर, न्याय विभाग
01.10.2024 से अगले आदेश तक

स्थापना वर्ष -1982

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जब अन्य पारम्परिक विश्वविद्यालय सामान्यतः भारतीय दर्शन पढ़ाते हैं, ‘श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ’, अद्वैत वेदान्त का अधिक केन्द्रित और गहन अध्ययन-अध्यापन प्रस्तुत करता है, जो भारतीय दर्शनशास्त्रीय विचार की एक लोकप्रिय, निरपेक्ष और आदर्शवादी प्रणाली है।

महान् भारतीय दार्शनिक, आचार्य शङ्कर के द्वारा प्रतिपादित अद्वैत वेदान्त, व्यष्टि आत्मा के साथ सर्वोच्च समष्टि आत्मा की पहचान कराता है। यह भारत की समृद्ध विरासत का अभिन्न अंग है।

अद्वैत वेदान्त का केन्द्रीय विषय संक्षेप में इस तरह से हो सकता है कि ब्रह्म एक ही वास्तविक तत्त्व है; बाकी सब कुछ अनृत, मिथ्या जो ब्रह्म में कल्पित है। जगत् वास्तविक नहीं है क्यों कि यह अवास्तविक माया का प्रक्षेपण है। हालांकि यह व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए पर्याप्त वास्तविक है ।

अद्वैत वेदान्त विभाग छात्रों के लिए उपनिषदों, ब्रह्मसूत्र और उच्च स्तर के अन्य ज्ञान विचार से युक्त एक समृद्ध पाठ्यक्रम प्रदान करता है। विभाग के अध्यापक, अपने शिक्षण कार्य के अलावा विविध सङ्गोष्ठियों में भाग ग्रहण करते हैं तथा आधुनिक पद्धति से ई-पाठादि के द्वारा ज्ञान सम्प्रेषण में तत्पर रहते हैं ।

अध्ययन सामग्री / संदर्भ

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संकाय विवरण

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क्रमांक फ़ोटो नाम विभाग पद
1 के. अनंत प्रो. के. अनंत अद्वैत विभाग प्रोफेसर