प्रो. मार्कण्डेय नाथ तिवारी
विभागाध्यक्ष
प्रोफेसर, सांख्य योग विभाग
01.06.2024 से अग्रिम आदेश तक
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली में योग विज्ञान विभाग की स्थापना 2011 में पूर्व कुलपति प्रो. वाचस्पति मिश्र जी के आशीर्वाद, पूर्व ज्योतिष मठ शंकराचार्य, माधवाश्रम जी के संत-सानिध्य और प्रो. महेश प्रसाद सिलोड़ी जी के नेतृत्व में योग विज्ञान केंद्र के रूप में हुई थी जिसके अंतर्गत एक वर्षीय स्नातकोत्तर योग डिप्लोमा (पी. जी. डिप्लोमा योग) कार्यक्रम शुरू किया गया। 2015 में, विभाग ने योग में षड मासिक प्रमाण पत्र कार्यक्रम (सिक्स मन्थस सर्टिफिकेट कोर्स) शुरू किया। 2018 में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) के तहत दो नियमित कार्यक्रमों, बी.ए. (योग) और एम.ए. (योग) के साथ योग विज्ञान विभाग की स्थापना की गई थी। 2022 में, एक वर्षीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पी. जी. डिप्लोमा योग और प्राकृतिक चिकित्सा) कार्यक्रम शुरू किया गया था। 2023 में, विभाग ने विद्यावारिधि (पी.एच.डी.) कार्यक्रम शुरू किया।
योग विभाग, नियमित एवं निरंतर अध्यापन-अध्ययन और व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से योग की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। प्राचीन योग ज्ञान को समकालीन वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के साथ एकीकृत करने की दृष्टि से स्थापित विभाग, उच्च योग्यताधारी शिक्षकों एवं आचार्यों के एक समूह द्वारा निष्पादित अपने छह शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से योग शास्त्र, अभ्यास और अनुसंधान में समग्र शिक्षा प्रदान करता है। इन कार्यक्रमों के व्यापक पाठ्यक्रम में आसन, मुद्रा, प्राणायाम (सांस लेने की तकनीक), ध्यान और योग शास्त्रों सहित योग के विभिन्न आयामों की शिक्षा दी जाती है, साथ ही साथ इसे आधुनिक विज्ञान, अर्थात मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान, आधुनिक मनोविज्ञान, आदि के साथ एकीकृत करता है। छात्रों को पतंजलि के योग सूत्र और हठ योग प्रदीपिका जैसे शास्त्रीय योग ग्रंथों के गहन अध्ययन के साथ-साथ आधुनिक स्वास्थ्य और कल्याण के संदर्भ में योग के चिकित्सीय अनुप्रयोगों के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।
अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विभाग, योग शिक्षा, चिकित्सा और अनुसंधान में भविष्य के अधिनायकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग अंतःविषय अनुसंधान पर भी बल देता है, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे क्षेत्रों के साथ योग विज्ञान को एकीकृत करने वाले अध्ययनों को प्रोत्साहित करता है। विभाग का लक्ष्य, अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और सामुदायिक कार्यक्रमों (आउटरीच) के माध्यम से, योग की रूपांतर शक्ति को बढ़ावा देकर व्यक्तियों और समाज की भलाई में योगदान करना है।
दृष्टि एवं ध्येय:
योग विज्ञान विभाग का उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य, कल्याण और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत भाषा आधारित मूल और अधिकृत ग्रंथो में वर्णित योग के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के साथ एकीकृत करना है। विभाग, योग को विज्ञान, दर्शन और अभ्यास के रूप में व्यापक बोध संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध है, जो वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में योगदान देता है।
उद्देश्य:
- पारंपरिक ज्ञान को समकालीन अनुसंधान और अनुप्रयोगों के साथ मिश्रित करते हुए योग विज्ञान में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना।
- कुशल योग चिकित्सकों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को विकसित करना जो व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन में योगदान दे सकें।
- वैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ और सांस्कृतिक रूप से आधारित पाठ्यक्रम का पालन करते हुए योग के ज्ञान के माध्यम से कल्याण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
- अंतःविषयक अनुसंधान, प्रकाशन और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग के माध्यम से योग विज्ञान के क्षेत्र में ज्ञान के भंडार में योगदान करना।
हमारा सर्वोत्तम अभ्यास:
शिक्षण और अधिगम में मौलिक ग्रंथों से प्राप्त प्रामाणिक और मौलिक योग ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के शरीर रचना विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान और आधुनिक मनोविज्ञान के साथ एकीकृत करना; तथा उसे सर्वसाधारण और शैक्षिक क्षेत्रों में प्रसारित करना।
सर्वोत्तम अभ्यास के परिणाम
हमारे सर्वोत्तम अभ्यासों का परिणाम यह है कि हमारे विभाग के पूर्व छात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मेदांता आदि जैसे लोकप्रिय अस्पतालों में योग चिकित्सक के रूप में कार्यरत हैं तथा दिल्ली पब्लिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय जैसे लोकप्रिय निजी और सरकारी स्कूलों में योग शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय, महर्षि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय आदि जैसे लोकप्रिय विश्वविद्यालयों के योग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। अनेक छात्र विदेशों में स्वरोजगार, भारतीय दूतावासों, भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों आदि में योग शिक्षकों के रूप में कार्यरत हैं। भारतवर्ष के विभिन्न संस्थानों में हो रही एन. सी. सी., आसन, खेल, संगीत, सूत्र, श्लोक आदि प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त प्राप्त कर विभाग एवं विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।
शैक्षणिक कार्यक्रम
योग विज्ञान विभाग में शैक्षणिक और व्यावहारिक विशेषज्ञता के विभिन्न स्तरों पर छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्मित किए गए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करता है। इनमें निम्न लिखित शामिल हैं:
बीए (योग): एन.ई.पी. 2020 (N.E.P. 2020)
- अवधि: 3/4 वर्ष
- क्रिया, आसन, प्राणायाम, मुद्रा, ध्यान और दर्शन सहित योग के मूलभूत ज्ञान पर केंद्रित है।
- योग्यता: उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (या समकक्ष) उत्तीर्ण होना चाहिए। सामान्यतः योग्यता परीक्षा में लगभग 45-50% न्यूनतम प्रतिशत की आवश्यकता हो सकती है। उम्मीदवारों का चयन CUET (UG) परीक्षा में योग्यता के आधार पर किया जाता है।
एमए (योग): एनईपी 2020 (N.E.P. 2020)
- अवधि: 2 वर्ष
- योग को एक अनुशासन के रूप में गहराई से अन्वेषण करना, उन्नत अभ्यासों, चिकित्सीय अनुप्रयोगों और दार्शनिक दृष्टिकोणों पर ध्यान केंद्रित करना।
- योग्यता: उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री (योगिक विज्ञान में बीए या समकक्ष) होनी चाहिए। उम्मीदवारों का चयन CUET परीक्षा में योग्यता के आधार पर किया जाता है। अन्य विषयों के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें योगिक विज्ञान की बुनियादी समझ हो।
पी.एच.डी. (योग): एनईपी 2020.
- योग चिकित्सा, योग के आध्यात्मिक पहलुओं और आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के साथ योग को एकीकृत करने सहित योग विज्ञान के विभिन्न पहलुओं में अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना।
- योग्यता: उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 55% अंकों के साथ योग विज्ञान (या संबंधित विषय) में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। उसे योग विज्ञान के किसी विशिष्ट क्षेत्र में शोध योग्यता और रुचि के लिए विश्वविद्यालय की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
योग में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम: एनईपी 2020.
- योग में छह महीने का सर्टिफिकेट प्रोग्राम उन लोगों के लिए व्यावहारिक कौशल और सैद्धांतिक बोध विकसित करने के उद्देश्य से है जो अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में योग को लागू करने में रुचि रखते हैं। यह कार्यक्रम इच्छुक छात्रों को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, स्वास्थ्य क्लबों आदि में योग प्रशिक्षक के रूप में काम करने की सुविधा प्रदान करता है।
- योग्यता: डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कार्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्यतः 10+2 या समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होती है। योग की कुछ बुनियादी समझ को प्राथमिकता दी जा सकती है, तथापि यह हमेशा अनिवार्य नहीं होता है।
योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा:
- योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों के लिए व्यावहारिक कौशल और सैद्धांतिक बोध विकसित करना है जो अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में योग को लागू करने में रुचि रखते हैं। यह कार्यक्रम इच्छुक छात्रों को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, स्वास्थ्य क्लबों आदि में योग शिक्षक के रूप में सेवा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- योग्यता: डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्यतः किसी भी विषय में स्नातक होना आवश्यक है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा की कुछ बुनियादी समझ को प्राथमिकता दी जा सकती है, तथापि यह हमेशा अनिवार्य नहीं होता है।
योग और प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा:
- योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों के लिए व्यावहारिक कौशल और सैद्धांतिक बोध विकसित करना है जो अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में योग को लागू करने में रुचि रखते हैं। यह कार्यक्रम इच्छुक छात्रों को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, स्वास्थ्य क्लबों आदि में योग शिक्षक और प्राकृतिक चिकित्सा सहायक के रूप में सेवा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- योग्यता: डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्यतः किसी भी विषय में स्नातक होना आवश्यक है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा की कुछ बुनियादी समझ को प्राथमिकता दी जा सकती है, तथापि यह हमेशा अनिवार्य नहीं होता है।
शिक्षक:
वर्तमान में इस विभाग में, योग विज्ञान के विद्वान, अभ्यासी और शोधकर्ता शामिल हैं, जो एक उत्तम अनुभवी और समर्पित शिक्षक हैं। शिक्षक योग के विभिन्न पहलुओं से ज्ञान का भंडार लेकर आते हैं, जिसमें पारंपरिक अभ्यास से लेकर आधुनिक चिकित्सीय अनुप्रयोग तक शामिल हैं। उनकी सामूहिक विशेषज्ञता योग शिक्षा के लिए एक व्यापक और बहुआयामी दृष्टिकोण सुनिश्चित करती है।
वर्तमान में विभाग का नेतृत्व प्रोफेसर मार्कंडेय नाथ तिवारी कर रहे हैं । इसमें तीन स्थायी शिक्षक, सहायक आचार्य के रूप में (डॉ रमेश कुमार डॉ विजय सिंह गुसाईं और डॉ नवदीप जोशी), चार अनुबंध आधारित शिक्षक, सहायक आचार्य के रूप में (श्री विवेक मिश्रा, डॉ जय सिंह भारिया, श्री बलवीर सिंह और श्रीमती प्रियंका पांडे) और दो योग प्रशिक्षक (श्रीमती मिथलेश बैसला और श्री हर्ष शुक्ला) के रूप में कार्यरत हैं ।
संगोष्ठी और कार्यशालाएँ:
विभाग, योग विज्ञान में ज्ञान का प्रसार करने और समकालीन समस्याओं पर चर्चा को बढ़ावा देने के लिए विभागीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित करता है। स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जनता के लिए नियमित योग शिविर और आउटरीच कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
आजीविका के अवसर:
योग विज्ञान विभाग से स्नातक विभिन्न क्षेत्रों में आजीविका उपार्जन के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं जैसे:
- स्कूलों, कॉलेजों और कल्याण केंद्रों में योग प्रशिक्षक और शिक्षक।
- अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों और कल्याण स्वस्थ्य केंद्रों में योग चिकित्सक।
- शैक्षणिक संस्थानों में शोधकर्ता और शिक्षक, योग के विज्ञान और दर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शक योग सिद्धांतों के माध्यम से समग्र जीवन और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देते हैं।
संपर्क जानकारी:
योग विज्ञान विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) बी-04, कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया, शहीद जीत सिंह मार्ग, नई दिल्ली – 110016, फ़ोन: +91-11-46060606, ईमेल: dyoga[at]slbsrsv[dot]ac[dot]in