आधुनिक विषय पीठ विश्वविद्यालय में अंतःविषयक ज्ञान के संवर्धन के निमित्त स्थापित हुआ। यह संकाय पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देते हुए समकालीन ज्ञान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। चार गतिशील विभागों में संरचित यह पीठ विद्यार्थियों और शिक्षकों के समग्र उन्नयन में समान रूप से योगदान दे रहा है।
- आधुनिक ज्ञान विभाग: आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित यह विभाग कंप्यूटर विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान में विविध प्रकार के पाठ्यक्रम संचालित करता है। इसके अतिरिक्त यह मूल्य-शिक्षा, प्रबंधन और गणित जैसे विषयों की भी शिक्षा प्रदान करता है।इससे छात्रों को तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी ज्ञान और पारिस्थितिक परिदृश्यों में स्वयं को स्थापित करने में मदद मिलती है। इस प्रकार विद्यार्थी विविध कौशलों को सीखते और उनका सद्पयोग अपने जीवन में करते है।
- मानविकी विभाग: इस विभाग के अंतर्गत हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र विषयों का अध्यापन किया जाता है। इस विभाग में पाठ्यक्रम को इस प्रकार से संरचित किया गया है कि विद्यार्थियों में आलोचनात्मक दृष्टि, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक गतिशीलता की गहरी समझ विकसित हो सके।
- अनुसंधान और प्रकाशन विभाग: गहन अन्वेषण के माध्यम से ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित यह विभाग विश्वविद्यालय एवं संकाय के बौद्धिक केंद्र के रूप में कार्य करता है। शिक्षकों एवं छात्रों में शोध को बढ़ावा देने और अभिनव प्रकाशनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध विभाग अकादमिक जगत को एक नवीन दिशा प्रदान करता है।
- हिन्दू अध्ययन विभाग हिंदू अध्ययन विभाग हिंदू धर्म, संस्कृति, दर्शन और साहित्य की गहन अन्वेषण के लिए समर्पित है। यह विभाग हिंदू परंपराओं और मान्यताओं के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक आयामों पाश्चात्य साम्प्रदायिक परम्पराओं का तुलनात्मक विश्लेषण करता है।
आधुनिक विषय के संकाय में समाहित उक्त विभाग एक साथ मिलकर नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए संकल्पित हैं।निःसंदेह इस पीठ के माध्यम विश्वविद्यालय को अकादमिक क्षेत्र में नवीन पहचान मिलेगी।
उद्देश्य:
आधुनिक विषयपीठ का उद्देश्य एक ऐसा शिक्षण वातावरण बनाना है जिससे छात्रों में आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान दोनों की समझ विकसित हो सके। संकाय अपने छात्रों में वैश्विक दृष्टि विकसित करने के लिए दृढसंकल्पित है। संकाय के प्रमुख लक्ष्य और उद्देश्य निम्नलिखित है-
- अंतःविषयक शिक्षा अपनाना एवं इसे बढ़ावा देना|
- नवीन एवं मौलिक विचारो का सृजन करने के लिए प्रोत्साहित करना|
- नवीन एवं मौलिक विचारो का सृजन, आलोचनात्मक सोच और नवाचार को प्रोत्साहित करना|
- भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना|
- नैतिक, सामाजिक मूल्यों एवं राष्ट्रीय चेतना का विकास|
- वैश्विक परिद्रश्य के अनुरूप विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धी क्षमता का विकास करना|
मुख्य विषय क्षेत्र:
आधुनिक विषयपीठ उन प्रमुख विषयों ओर ध्यान आकृष्ट करता है जिससे समकालीन ज्ञान के साथ ही साथ पारंपरिक ज्ञान परम्परा में समन्वय स्थापित कर सके| इस हेतु संकाय निम्नांकित क्षेत्रो में प्रयास करता है-
- प्रौद्योगिकी और नवाचार।
- अंतर्विषयक अध्ययन।
- सांस्कृतिक और विरासत अध्ययन।
- सामाजिक विज्ञान और मानविकी।
- पर्यावरण स्थिरता।
- प्रबंधन और नेतृत्व विकास।
- उन्नत अनुसंधान और प्रकाशन।
अद्वितीय विशेषताएँ:
यह पीठ अंतर्विषयक दृष्टिकोण को दृष्टिगत रखते हुए छात्रों को एक समग्र और बहुआयामी शिक्षा प्रदान करता है। इस संकाय की अद्वितीय विशेषताओं को निम्नाकित रूपों में स्पष्ट किया जा सकता है-
- अध्यापको एवं विद्यार्थियों को शोध कार्य करने ,लेखों तथा पुस्तकों के प्रणयन हेतु प्रेरित करता है।
- भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और साहित्यिक परंपराओं की गहरी समझ विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
- विद्यार्थियों को पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों क्षमताओं में समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार करता है।
- संकाय के द्वार पाठ्यक्रम को इस प्रकार से संरचित किया गया है ताकि छात्र अपनी विरासत को यथावत रखते हुए अपनी वैश्विक पहचान बना सकें।
संकाय विवरण:
- प्रोफेसर: 4
- एसोसिएट प्रोफेसर: 1
- सहायक प्रोफेसर: 4
- अतिथि संकाय: 9