Vedshala
Vedshala11
इस यन्त्रा का वेध्प्रकार याम्योत्तरध्रातलीयतुरीययन्त्रावत् है। सूर्य के याम्योत्तरलंघनकाल के 2, 3 मिनट पूर्व इस यन्त्रा के शंकु की छाया द्वारा सूर्य के उन्नतांश प्राप्त होंगे। उस उन्नतांश-संख्या को 600 अंश में घटाने पर नतांश ज्ञात हो जाते हैं। उन नतांशों द्वारा तुरीय यन्त्रा की तरह सभी पदार्थ ज्ञात किये जाते हैं।