सामान्य नियम:
- ग्रंथालय में केवल पंजीकृत सदस्य का प्रवेश ही मान्य है।
- पुस्तकालय में प्रवेश करते समय द्वार पर रखे रजिस्टर की प्रविष्टियों को पूर्ण करके तथा अपना झोला, छाता, पुस्तकें, मुद्रित सामग्री आदि यथास्थान रखकर ही पुस्तकालय में प्रवेश करें। द्वार पर बैठे कर्मचारियों को अपना प्रवेश-पत्रा दिखाना अनिवार्य है। बिना प्रवेश-पत्रा दिखाये पुस्तकालय में प्रवेश वर्जित है।
- ग्रंथालय में व्यक्तिगत सामानों तथा मुद्रित पुस्तको सी0 डी0, डी0 वी0 डी, लैप टाप, झोला छाता आदि का प्रवेश वर्जित है। उपरोक्त सामानों को यथा स्थान पर रख कर ही प्रवेश करें। बहुमूल्य वस्तुएँ, रुपया-पैसा, आभूषण आदि गेट पर न रखें, उसे अपने पास ही रखें। ऐसी वस्तुओं के रखने पर यदि वे गायब हो जायें तो पुस्तकालय उसका उत्तरदायी नहीं होगा।
- विद्यार्थी को 15 दिनों के लिए पुस्तक दी जाती है। यदि पुस्तक 15 दिन में नहीं लौटाई गई तो पुस्तक पर 01 रुपयेे प्रतिदिन की दर से विलम्ब शुल्क देना होगा।
- छात्रा को एक ही पुस्तक की दो प्रतियाँ नहीं निर्गत की जायेगी। विना परिचय-पत्रा दिखाये पुस्तक निर्गत नहीं की जायेगी।
- सामान्यतः स्नातक एवं स्नातकोत्तर विषयों की पाठ्यपुस्तकें शिक्षा शास्त्राी के छात्रों को तथा शिक्षा-शास्त्राी की पाठ्य पुस्तकें स्नातक/स्नातकोत्तर छात्रों को नहीं निर्गत की जायेगी।
- सन्दर्भ पुस्तकें, कोश तथा बहुमूल्य पुस्तकें निर्गत (इशू) नहीं की जाएंगी।
- पुस्तक खो जाने अथवा खराब हो जाने की स्थिति में पुस्तक लेने वाले को वैसी ही पुस्तक लेकर देनी होगी अथवा पुस्तकालय के नियमानुसार पांच गुणा मूल्य चुकाना होगा। पाठक को पुस्तक भलीभाँति देखकर लेनी चाहिए। पुस्तक में दोष पाये जाने पर पुस्तकालयाध्यक्ष को सूचित कर सम्बन्धित कर्मचारी से हस्ताक्षर करवा लेना चाहिए। पुस्तक लौटाते समय उसमे पाये जाने वाले दोष का उत्तरदायित्व छात्रा पर होगा तथा वही नई पुस्तक/नियमानुसार मूल्य जमा कराना पड़ेगा।
- पुस्तकों पर पेन या पेन्सिल आदि से चिह्न बनाना नाम लिखना अथवा पन्ने फाड़ना वर्जित है।
- पुस्तकालय से चोरी-छिपे पुस्तकों/पत्रा-पत्रिकाओं को बाहर ले जाने अथवा पृष्ठों को फाड़ने की स्थिति में पकड़े जाने पर सम्बन्धित छात्रों की पुस्तकालयीय सदस्यता तत्काल समाप्त करके पुस्तकालय में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया जायेगा तथा सुरक्षित धन जब्त करके अग्रिम अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु भेज दिया जायेगा, जिसमें निष्कासन भी है।
- वार्षिक परीक्षा से पूर्व सभी पुस्तकें और पाठक-पत्रा वापस करना अनिवार्य है, अन्यथा परीक्षा-प्रवेश-पत्रा प्राप्त्यर्थ अदेयता प्रमाण-पत्रा नहीं दिए जाएंगे। पुस्तकालय कार्ड खोने की स्थिति में दुबारा कार्ड बनाने हेतु एक कार्ड के लिये 40 रुपये जमा कराना होगा।
- पाठक पत्रा अहस्तान्तरणीय हैं। पुस्तकालय द्वारा दिये गये पाठक-पत्रों का केवल सदस्य विशेष ही प्रयोग कर सकता है। अन्य व्यक्ति किसी सदस्य विशेष के पाठक-पत्रों पर पुस्तकें नहीं ले सकेगा। ऐसा करने पर सम्बन्धित छात्रा की पुस्तकालय सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
- पुस्तकालय में शान्तिपूर्वक बैठना एवं अध्ययन करना अपेक्षित है। किसी भी तरह का शोर-गुल, उच्च स्वर में बात-चीत तथा मोबाइल फोन का प्रयोग भी वर्जित है।
- पाठकगण पत्रिकाएँ पढ़कर यथास्थान रखें, बिना स्वीकृति के किसी भी पुस्तक अथवा पत्रा-पत्रिका को पुस्तकालय से बाहर ले जाना वर्जित है। पत्रिकाओं को वाचन कक्ष में पढ़ने के लिए अपना परिचय-पत्रा देकर प्राप्त कर सकते हैं।
- यदि कोई पाठक पुस्तकालयीय पुस्तक पुस्तकालय के अन्दर ही बैठकर पढ़ना चाहे तो उसे आभ्यन्तर निर्गमन कराना अनिवार्य है।
- पुस्तकालय के नियम पालन न करने की स्थिति में किसी भी व्यक्ति की सदस्यता समाप्त करने का अधिकार पुस्तकालयाध्यक्ष को है।
- यदि आवश्यक हो तो पुस्तकालयाध्यक्ष पुस्तकों को समय से पहले भी लौटाने का आदेश दे सकता है।
- पुस्तकालयाध्यक्ष की संस्तुति से कुलपति की स्वीकृति के बाद अन्य विश्वविद्यालयों के शोध-छात्रा एवं अन्य पुस्तकालय-ग्रन्थ-पिपठिषु व्यक्ति भी पुस्तकालय की विशेष सदस्यता निर्धारित रु0 1000/- सुरक्षित धन तथा 500 रू0 वार्षिक शुल्क जमा कर के प्राप्त कर सकते हैं।
- सक्षम अधिकारी के अनुमोदन उपरांत पुस्तकालय किसी भी नियम को हटा सकता है अथवा परिवर्तन कर सकता है।