सेमिनार और कार्यशालाएं

  1. 1 और 2 दिसंबर, 2016 को 'महिला सशक्तिकरण: पुनरावलोकन और संभावनाएं' विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया इस संगोष्ठी का उद्घाटन सांसद डॉ. अरुण कुमार ने किया। भारत के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों द्वारा निम्नलिखित विषयों पर 35 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए- महिला सशक्तिकरण का प्राचीन और वर्तमान परिदृश्य, महिलाएँ और मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण, महिलाएँ और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण, डिजिटल युग में महिला सशक्तिकरण। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडे ने की।
  2. यूजीसी की ' सक्षम' योजना के अंतर्गत लिंग संवेदीकरण के लिए पाठ्यक्रम विकास कार्यशाला का आयोजन 20.03.2017 को किया गया। इस कार्यशाला में शास्त्री प्रथम वर्ष तथा पीएचडी पाठ्यक्रम  के लिए अल्पावधि फाउंडेशन पाठ्यक्रम के पाठ्यक्रम विकसित किए गए।
  3. दिनांक 21.03.2017 को शिक्षााचार्य (एम.एड.), आचार्य एवं विद्यावारिधि (पी.एच.डी.) विद्यार्थियों के लिए "लिंग संवेदीकरण" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
  4. 21 और 22 फरवरी 2018 को 'जेंडर संवेदनशीलता के दृष्टिकोण' पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. गीता सिंह, मुख्य वक्ता के रूप में एनसीईआरटी की प्रो. पूनम अग्रवाल और विशिष्ट अतिथि के रूप में वेव्स की अध्यक्ष प्रो. शशि तिवारी ने संगोष्ठी में भाग लिया। विभिन्न विषयों पर कुल 32 पेपर प्रस्तुत किए गए, जैसे प्राचीन ग्रंथों में जेंडर सशक्तीकरण के विभिन्न दृष्टिकोण, जेंडर सशक्तीकरण के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण के रूप में आईसीटी, सूक्ष्म और लघु स्तर योजनाएं: जेंडर सशक्तीकरण के नए प्रतिमान के रूप में, जेंडर सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में एक एजेंट के रूप में शिक्षक और विभिन्न राज्यों द्वारा जेंडर सशक्तीकरण के संकेतक के रूप में नए रास्ते। डॉ. एसके यादव, एनसीईआरटी और डॉ. शशि बाला, भारती विद्या भवन ने समापन समारोह में भाग लिया
  5. विद्यापीठ के शिक्षााचार्य (एम.एड.), आचार्य (एम.ए.) और विद्यावारिधि (पीएच.डी.) के विद्यार्थियों के लिए 26 मार्च 2018 को लिंग संवेदीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।